Typhoid Needs Attention

टाइफॉइड का इलाज कैसे करें?

समय पर इलाज से मरीज आसानी से और पूरी तरह ठीक हो जाता है।

आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के ज़रिये टाइफाइड का कारगर तरीके से इलाज किया जाता है। टाइफाइड का पता लगने के तुरंत बाद इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि इसमें देरी होने से मरीज की हालत गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है।[1] सामान्य तौर पर तुरंत इलाज कराने से लोग 6-7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं, लेकिन इलाज में देरी होने पर बुखार कुछ हफ्तों या महीनों तक बना रह सकता है। टाइफाइड बुखार से ठीक होने वाले कुछ लोग इस बैक्टीरिया को फैलाना जारी रखते हैं और साल्मोनेला टाइफी के क्रोनिक कैरियर बन जाते हैं।[2]

आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज किया जाता है, लेकिन इसके अंधाधुंध उपयोग और नियमों का पालन नहीं करने से अलग-अलग तरह के एंटीबायोटिक दवाओं के लिए एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का प्रतिरोध (AMR) बढ़ रहा है। इसकी वजह से उपचार अधिक जटिल और महंगा होता जा रहा है, साथ ही चिकित्सा सेवाओं पर होने वाले खर्च का आर्थिक बोझ लगातार बढ़ रहा है।[3]

एंटीबायोटिक्स

टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जरूरी दवाओं में एंटीबायोटिक्स भी शामिल होते हैं। इसके इलाज को सुरक्षित और कारगर बनाने के लिए सही डायग्नोसिस के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह के अनुरूप दवाओं का सेवन करना जरूरी है।

आपके लिए अपने डॉक्टर की सलाह के अनुरूप निर्धारित एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स समाप्त करना बेहद जरूरी है। आवश्यक खुराक पूरी नहीं करने से बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होने के अलावा दोबारा उभर सकती है और अतिरिक्त जटिलताएँ सामने आ सकती हैं।[3]

इलाज के लिए उपयुक्त एंटीबायोटिक दवाएँ नहीं लेने पर बुखार 3 से 4 हफ्ते तक बरकरार रह सकता है। आमतौर पर इलाज के साथ इसके लक्षण 6 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं।[4] हालाँकि, इसके लक्षण कम होने के बाद भी कई दिनों तक थकान और कमज़ोरी बनी रह सकती है।

एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का प्रतिरोध

एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के प्रतिरोध या ए.एम.आर. के मामलों में लगातार बढ़ोतरी, पूरी दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

एंटीमाइक्रोबियल एक तरह की दवाई होती है, जिनका उपयोग संक्रमण से लड़ने के लिए किया जाता है। एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का प्रतिरोध (AMR) तब होता है, जब ये दवाइयाँ, जो अब तक बेहद कारगर थीं, इन संक्रमणों का इलाज करने में नाकाम साबित होती हैं। इसकी वजह से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है और मरीज की हालत गंभीर होने या यहाँ तक कि उसकी मौत होने की संभावना बढ़ सकती है। यह आधुनिक चिकित्सा से मिलने वाले फायदों के लिए एक बड़ा संकट है।[5]

बदकिस्मती से, दूसरे कई बैक्टीरिया की तरह साल्मोनेला टाइफी भी बड़ी तेजी से एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोध करने में सक्षम बनता जा रहा है। दरअसल साल्मोनेला टाइफी के एक खास किस्म की मौजूदगी और इसके पूरी दुनिया में फैलने की वजह से समस्या और भी बदतर हो गई है, जो बड़े पैमाने पर पहली और दूसरी श्रेणी के एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोधी (XDR) है।[6]
एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध का सबसे बड़ा कारण इंसानों, जानवरों और खेती में इन दवाओं का दुरुपयोग, जरूरत से ज्यादा उपयोग, निर्धारित खुराक से कम का सेवन, अवधि पूरी नहीं करना, डॉक्टर की सलाह के बिना काउंटर से दवा खरीदना और इस तरह के अन्य दुरुपयोग हैं। साल 2000 से 2015 के बीच दुनिया भर में, खासकर भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में 65% तक की बढ़ोतरी हुई। अगर इस दिशा में सही कार्रवाई नहीं की गई, तो साल 2030 तक इसमें तीन गुना बढ़ोतरी (2015 की तुलना में) की उम्मीद है।

AMR के परिणाम

एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधी साल्मोनेला टाइफी के बढ़ने के साथ, सामान्य रूप से उपलब्ध एंटीबायोटिक दवाओं और दूसरी दवाओं के साथ किया जाने वाला उपचार बेअसर हो जाता है। बैक्टीरिया की ऐसी प्रतिरोधी किस्मों के उभरने से टाइफाइड बुखार के लक्षणों को काबू में कर पाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है, जिसके चलते उपचार अधिक जटिल और महंगा हो जाता है।[7] नए एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का विकास जारी है, साथ ही बैक्टीरिया में प्रतिरोध भी तेजी से विकसित हो रहा है।[1]

हालाँकि, टीकाकरण दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया की नई किस्मों को विकसित होने से रोकने में मदद करता है।[6]

एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध के खिलाफ इस लड़ाई में टीके सबसे कारगर हथियार हैं। टीके शरीर में संक्रमण की शुरुआत से पहले ही आपके इम्यून सिस्टम को रोगाणुओं से लड़ने का प्रशिक्षण दे सकते हैं। टीके लगवाने वाले लोगों में संक्रमण कम होता है, जिससे डॉक्टर उन्हें कम एंटीमाइक्रोबियल दवाएँ देते हैं, और इस तरह वे हालत गंभीर होने से भी सुरक्षित रहते हैं।[7]

घर पर देखभाल

आपके डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा और उपचार के साथ-साथ, आप नीचे बताई गई कुछ बातों का अपने घर पर पालन कर सकते हैं:[3,8]

अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं निर्धारित अवधि तक लेना जारी रखें।

शौचालय का उपयोग करने के बाद, खाना बनाते या परोसते समय और खाने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएँ।

घर पर उपलब्ध तरल पदार्थों का भरपूर मात्रा में सेवन करके शरीर की नमी बरकरार रखें।

इन चरणों का पालन करके संक्रमण फैलने के जोखिम को कम किया जा सकता है।

अस्पताल में भर्ती होना

टाइफाइड बुखार के हल्के मामलों के लिए, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं के सेवन के साथ-साथ अच्छी साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधी आदतें इस बीमारी से ठीक होने के लिए काफी हैं। हालाँकि, अगर बुखार बरकरार रहे तथा मरीज बीमार नज़र आए या शरीर में पानी की कमी हो, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी जाती है।

संदर्भ

अस्वीकरण: यह भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से शुरू की गई एक जन जागरूकता पहल है। इसका उद्देश्य सामान्य जानकारी प्रदान करना है और यह इलाज के लिए दी जाने वाली सलाह नहीं है। यहाँ डॉक्टर, चिकित्सा सुविधाओं और ग्राफ़िक्स को सिर्फ उदाहरण के तौर पर दिखाया गया है। इलाज से संबंधित किसी भी स्थिति के बारे में अपने किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।

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